Cibil Score Loan Myth: क्या आपका CIBIL स्कोर कम है और आपको लोन की जरूरत है? क्या आपने लोन के लिए अप्लाई किया और आपका आवेदन रिजेक्ट हो गया? अगर हां, तो घबराइए नहीं। आप अकेले नहीं हैं जो इस तरह की परेशानी का सामना कर रहे हैं। एक कम CIBIL स्कोर किसी के भी लोन के सपनों पर पानी फेर सकता है, लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि अब आपको लोन मिलना बंद हो गया है। यह आर्टिकल आपके लिए एक पूरी गाइड लेकर आया है। इसमें हम आपको बताएंगे कि अगर आपका CIB�IL स्कोर कम है, तो लोन के लिए अप्लाई करने से पहले आपको कौन-कौन से जरूरी काम करने चाहिए। इन आसान टिप्स को फॉलो करके आप न सिर्फ अपने लोन अप्लाई करने के चांस बढ़ा सकते हैं बल्कि भविष्य में एक अच्छा स्कोर बनाए रखने में भी कामयाब हो सकते हैं।
इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें क्योंकि यहां हम सिर्फ सतही बातें नहीं बताएंगे। हम आपको सीधा और सटीक जानकारी देंगे कि CIBIL स्कोर कम होने की वजह क्या है, उसे सुधारने के लिए आप क्या-क्या प्रैक्टिकल कदम उठा सकते हैं, और कैसे आप बैंक या फाइनेंस कंपनी का भरोसा जीत सकते हैं। आपको पूरी आर्थिक मदद एक ही जगह पर मिलने वाली है, इसलिए आर्टिकल को अंत तक पढ़ना न भूलें।
CIBIL स्कोर कम होने पर लोन से पहले इन बातों का रखें ध्यान
आपको बता दें, CIBIL स्कोर एक तीन अंकों का नंबर होता है जो 300 से 900 के बीच में होता है। यह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाता है। आमतौर पर, 750 से ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है और लोन मिलने के चांस ज्यादा होते हैं। वहीं, अगर स्कोर 650 से नीचे है तो इसे कम माना जाता है और लोन मिलने में दिक्कत आती है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि कम स्कोर वालों के लिए सभी दरवाजे बंद हो जाते हैं। बस जरूरत है तो सही जानकारी और थोड़ी सी स्मार्ट प्लानिंग की।
सबसे पहले, अपना क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें और गलतियाँ ढूंढें
लोन के लिए अप्लाई करने से पहले सबसे जरूरी कदम है अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को अच्छे से जांचना। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई बार रिपोर्ट में कुछ गलत जानकारी या errors हो सकती हैं जो आपका स्कोर गिरा रही हों। हो सकता है कोई ऐसा लोन जो आपने चुका दिया है लेकिन वह अभी भी ‘pending’ दिख रहा हो, या फिर कोई ऐसा अकाउंट जो आपका है ही नहीं। इन गलतियों को ढूंढकर उन्हें सुधारने के लिए CIBIL से संपर्क करें। इस एक कदम से ही आपका स्कोर काफी हद तक सुधर सकता है।
मौजूदा कर्ज को जल्द से जल्द चुकाने की कोशिश करें
अगर आप पर पहले से ही कोई कर्ज है, खासकर क्रेडिट कार्ड का बकाया, तो लोन के लिए अप्लाई करने से पहले उसे चुकाने की कोशिश करें। क्रेडिट कार्ड की बकाया रकम आपके स्कोर पर सबसे ज्यादा बुरा असर डालती है। जितना हो सके, अपने कर्ज को कम करें। इससे आपका ‘क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो’ सुधरेगा, जो कि आपके स्कोर को बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभाता है।
लोन के लिए को-एप्लिकेंट के तौर पर किसी Strong Profile वाले को शामिल करें
जब आपका अपना स्कोर कम हो, तो एक स्मार्ट तरीका यह है कि आप अपने लोन आवेदन में एक को-एप्लिकेंट जोड़ें। को-एप्लिकेंट वह व्यक्ति होता है जो लोन चुकाने की जिम्मेदारी में आपके साथ शामिल होता है। अगर उस व्यक्ति का CIBIL स्कोर अच्छा और आमदनी स्थिर है, तो लोन देने वाली संस्था को आप पर भरोसा होगा। यह आपकी लोन Approve होने की संभावना को कई गुना बढ़ा सकता है।
छोटी रकम के लोन के लिए अप्लाई करने पर विचार करें
अगर आपको तुरंत पैसों की जरूरत है, तो बहुत बड़ी रकम के लोन के लिए अप्लाई करने की बजाय एक छोटे लोन के लिए अप्लाई करें। छोटा लोन, जैसे कि पर्सनल लोन की एक limited रकम, Approve होना आसान होता है। इस लोन को समय पर चुकाकर आप अपनी क्रेडिट हिस्ट्री को दोबारा से बना सकते हैं और भविष्य में बड़े लोन के लिए अपने चांस बेहतर कर सकते हैं।
अपनी आमदनी के स्रोतों को मजबूत और साफ दिखाएं
लोन देते वक्त लेंडर सिर्फ आपके CIBIL स्कोर को ही नहीं देखता, बल्कि यह भी जांचता है कि आपकी लोन चुकाने की क्षमता क्या है। अपनी आमदनी के सभी स्रोतों के documents, जैसे कि salary slips, bank statements, और ITR, को ठीक से तैयार रखें। एक स्थिर और नियमित आमदनी का सबूत लोन Approve करवाने में बहुत मददगार साबित हो सकता है।
किसी Secured Loan के ऑप्शन को भी आजमाएं
अनसिक्योर्ड लोन (जैसे पर्सनल लोन) की तुलना में सिक्योर्ड लोन (जैसे लोन against प्रॉपर्टी, गोल्ड लोन, आदि) Approve होना आसान होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें लेंडर के पिए जोखिम कम होता है। अगर आपके पास कोई ऐसी asset है जिसे आप गिरवी रख सकते हैं, तो उसके बदले में लोन लेने के बारे में सोचें। इससे आपको बेहतर ब्याज दरें भी मिल सकती हैं।
लोन अप्लाई करने से पहले Multiple Enquiries से बचें
एक बहुत ही जरूरी बात। लोन पाने की जल्दबाजी में एक साथ कई जगहों पर अप्लाई करने से बचें। हर बार जब आप अप्लाई करते हैं, तो लेंडर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट को एक्सेस करता है, जिससे एक ‘enquiry’ दर्ज होती है। ज्यादा enquiries आपके स्कोर को और भी नुकसान पहुंचा सकती हैं। पहले से ही कम स्कोर वाले व्यक्ति के लिए य