31March Mandate: 31 मार्च से पहले संपत्ति कर जमा करने का नया नियम: जानिए कैसे करें भुगतान और बचाएं पैसे
31 मार्च तक संपत्ति कर जमा करना क्यों है जरूरी?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने संपत्ति कर जमा करने को लेकर नए नियम जारी किए हैं। इन नियमों के तहत 31 मार्च 2024 तक संपत्ति कर का भुगतान करना अनिवार्य हो गया है। अगर आपने अभी तक अपना संपत्ति कर नहीं भरा है, तो जल्दी करें क्योंकि देरी पर आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है।
संपत्ति कर क्या है और कौन भरता है?
संपत्ति कर एक तरह का स्थानीय कर है जो नगर निगम या नगर पालिका द्वारा वसूला जाता है। यह कर आपकी संपत्ति (जमीन, मकान, दुकान, कार्यालय आदि) के मूल्य पर लगाया जाता है। आमतौर पर हर साल इस कर का भुगतान करना होता है।
नए नियम में क्या है खास?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार सरकार ने संपत्ति कर जमा करने की प्रक्रिया को और आसान बना दिया है। अब आप घर बैठे ऑनलाइन भी इस कर का भुगतान कर सकते हैं। साथ ही, समय पर भुगतान करने वालों को कुछ छूट भी दी जा रही है।
संपत्ति कर ऑनलाइन कैसे जमा करें?
अगर आप ऑनलाइन संपत्ति कर जमा करना चाहते हैं, तो नीचे दी गई स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया को फॉलो करें:
- स्टेप 1: अपने शहर की नगर निगम या नगर पालिका की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
- स्टेप 2: ‘संपत्ति कर’ या ‘Property Tax’ सेक्शन में क्लिक करें
- स्टेप 3: अपनी संपत्ति का पंजीकरण नंबर या खाता नंबर डालें
- स्टेप 4: संपत्ति से जुड़ी जानकारी को वेरिफाई करें
- स्टेप 5: कर की रकम की गणना करें और भुगतान के ऑप्शन चुनें
- स्टेप 6: डेबिट/क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग या UPI के जरिए भुगतान करें
- स्टेप 7: भुगतान सफल होने के बाद रसीद डाउनलोड करके सेव कर लें
ऑफलाइन संपत्ति कर कैसे जमा करें?
अगर आप ऑनलाइन भुगतान नहीं करना चाहते, तो आप नजदीकी नगर निगम कार्यालय जाकर भी संपत्ति कर जमा कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने संपत्ति के कागजात साथ ले जाने होंगे और नगर निगम के कर्मचारी आपको पूरी प्रक्रिया बता देंगे।
संपत्ति कर न भरने पर क्या होगा?
सूत्रों के मुताबिक, अगर आप 31 मार्च तक संपत्ति कर नहीं भरते हैं, तो आपको निम्न परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है:
- हर महीने कर रकम पर जुर्माना लगेगा
- संपत्ति से जुड़ी सरकारी सुविधाएं बंद हो सकती हैं
- भविष्य में संपत्ति के रजिस्ट्रेशन में दिक्कत आ सकती है
- कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है
समय पर भुगतान करने के फायदे
आपको बता दें कि अगर आप समय पर संपत्ति कर जमा करते हैं, तो आपको कई फायदे मिलते हैं:
- कर रकम पर छूट मिलती है
- जुर्माने से बच जाते हैं
- संपत्ति से जुड़े कानूनी विवादों से बचाव
- सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलता रहता है
संपत्ति कर की गणना कैसे होती है?
संपत्ति कर की गणना कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है, जैसे:
- संपत्ति का क्षेत्रफल
- संपत्ति का स्थान (शहर का कौन सा इलाका)
- संपत्ति का प्रकार (आवासीय/वाणिज्यिक)
- संपत्ति की उम्र
- स्थानीय नगर निगम द्वारा निर्धारित दरें
क्या संपत्ति कर में छूट मिल सकती है?
मीडिया के अनुसार, कुछ विशेष परिस्थितियों में आप संपत्ति कर में छूट पा सकते हैं:
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट
- महिला संपत्ति मालिकों के लिए छूट
- विकलांग व्यक्तियों के लिए छूट
- स्वयं के उपयोग की आवासीय संपत्ति पर छूट
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या संपत्ति कर और हाउस टैक्स एक ही हैं?
हां, संपत्ति कर और हाउस टैक्स एक ही चीज के दो नाम हैं। इसे अलग-अलग शहरों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है।
क्या खाली प्लॉट पर भी संपत्ति कर देना होता है?
जी हां, खाली प्लॉट पर भी संपत्ति कर देना होता है, हालांकि इसकी रकम बनाई हुई संपत्ति के मुकाबले कम होती है।
संपत्ति कर का भुगतान न करने पर क्या होगा?
संपत्ति कर न भरने पर आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है और भविष्य में संपत्ति के कागजात बनवाने में दिक्कत आ सकती है।
क्या संपत्ति कर की रसीद जरूरी है?
हां, भुगतान की रसीद को सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है क्योंकि यह भुगतान का प्रमाण होता है।